‘Manusmriti’ और ‘Smriti Irani’ के बीच दंडवत पड़ा Dainik Bhaskar | NL Tippani 152

2023 ж. 12 Мау.
1 332 889 Рет қаралды

अपने हिस्से का काम छोड़कर बाकी सबके काम में अपनी नाक, कान और टांग घुसेड़ने का रिवाज अब आम हो चुका है. मसलन #journalist का काम है जन प्रतिनिधियों से सवाल पूछना, जनप्रतिनिधि का काम है उसका जवाब देना. लेकिन नेताजी को पत्रकार का सवाल पूछना अब अच्छा नहीं लगता. #smritiirani अमेठी में एक पत्रकार के सवाल से इतना भड़क गई कि पत्रकार का कपड़ा ही उतरवा लिया. इस पर विशेष टिप्पणी.
टिप्पणी के इस अंक में हम खबरों का नया बुलेटिन लेकर आए हैं. इसका नाम है ‘विश्वगुरु बुलेटिन’. जी हां, अब देश में आज़ादी की यही परिभाषा है, यहां मीडिया मदारी है, जनता तमाशा है. नेता चुनावों में वोट मांगेंगे और काम के समय नोट मांगेंगे.
देश के हाईकोर्टों में मौजूद महामहिम न्यायमूर्तियों ने भारत को विश्वगुरू बनाने का बीड़ा अपने सिर पर उठा लिया और ऐसा उठाया कि मानों आसमान सिर पर उठा लिया. महामहिमों की इस मुहिम से बहुतों को लगा कि उनकी बात का कोई सिर पैर नहीं है. संविधान की शपथ खाकर #manusmriti की श्रद्धा में नतमस्तक हैं.
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    @newslaundry@newslaundry11 ай бұрын
    • 😊

      @richusanil5723@richusanil572311 ай бұрын
    • Ravish Kumar ka episode लाइए

      @babalushorts5998@babalushorts599811 ай бұрын
    • Ravish Kumar ko newslundry joining karai

      @babalushorts5998@babalushorts599811 ай бұрын
    • ⁰7k0jl

      @RicaRod@RicaRod11 ай бұрын
    • 😝😝😝😝छोटी सी जिंदगी,, लंबा है रास्ता,, मुझे मेरे 15 लाख दे दो,, तुम्हे स्मृति का वास्ता😝😝😝😝

      @Daniela_cacao@Daniela_cacao11 ай бұрын
  • रोड पर बैठकर राजनीति वाली मनुस्मृति ईरानी से और क्या आशा कर सकते हैं, अतुल भैया! आप जैसे पत्रकार का हमारे देश की मुख्यधारा की मीडिया में होना आवश्यक है। ऐसे ही निष्ठावान पत्रकारिता करते रहें। हम Team Newslaundry के साथ हमेशा रहेंगे। अच्छी और निष्पक्ष पत्रकारिता की आवाज़ों को बुलंद करने की आवश्यकता आन पड़ी है। जय हिंद! Keep up the good work, Team Newslaundry!

    @poweragain123@poweragain12311 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • बहुत बहुत धन्यवाद सर जी, मेरी आँखें खोलने और पत्रकारिता को बचाने के लिए।

    @RANUYADAV-jl4bx@RANUYADAV-jl4bx7 ай бұрын
  • कोटिक सलाम आभार साधुवाद शानदार सटीक निर्भीक टिप्पणी के लिए

    @sukhpalsingh3621@sukhpalsingh36217 ай бұрын
  • लाजवाब प्रस्तुति , शानदार आवाज

    @TheAkhil121@TheAkhil1218 ай бұрын
  • बहुत सुन्दर बिश्लेषण। उमदा पत्रकारिता सिर्फ कुछ चुनिन्दा पत्रकार ही कर सकते हैं । धन्यवाद अतुल जी अतुलनीय ।

    @zakiasafeer1956@zakiasafeer195611 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • बहुत ही जबरदस्त और शानदार ऐसी पत्रकारिता अब देखने को नहीं मिलती जो सच कहती हो। आला दर्जे के अधिकारियों को सच का आइना दिखाने का धन्यवाद। अब सारे काम मनु स्मृति से होंगे

    @thakurprasadmalviya4754@thakurprasadmalviya475411 ай бұрын
  • बहुत सराहनीय पत्रकारिता के आप सम्मानित पत्रकार है मै आपकी भूरि भूरि प्रसंसा करता hu

    @Ramesh_934@Ramesh_9347 ай бұрын
  • वाह क्या बात हुई पत्र कार महोदय इस तरह के सटीक विश्लेषण करने के लिए

    @KamalSingh-sz6ij@KamalSingh-sz6ijАй бұрын
  • परम आदरणीय श्रीमान अतुल चौरसिया जी आपकी सच्ची निष्पक्ष निडर पत्रकारिता को सादर प्रणाम जय भीम जय संविधान

    @rajkumarmahroliya51@rajkumarmahroliya5111 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • Why is the Supreme Court not removing such disgraceful judges? This is just unbearable.

    @souravroy20236@souravroy2023611 ай бұрын
    • Court system is also compromised dude. Frankly, it's not surprising that a lot of people have lost faith in the whole Indian system now.

      @14debanjan@14debanjan11 ай бұрын
    • In Amritkal of Independence, "Manusmriti" is being brought from the cold storage of the society!! Save the Indian Constitution adopted in the Parliament of Independent India.

      @ashokdas7041@ashokdas704111 ай бұрын
    • Voters deserve this

      @iqbalahmedkhan7@iqbalahmedkhan711 ай бұрын
    • ​@@iqbalahmedkhan7 are you defending the government by saying this ???? 😮😮😮😮😮😮 or you are just being sarcastic ?? 😊😊

      @vijaykumar-vt1on@vijaykumar-vt1on11 ай бұрын
    • @@ashokdas7041 surely we can't let this go on. This is crossing all limits. I hope 2024 will show whether our citizens have grown any sort of backbone....or brain...for that matter...

      @souravroy20236@souravroy2023611 ай бұрын
  • धिक्कार है इस रेलवे मंत्री वैष्णव और इसकी शिक्षा को। देश ऐसे लोगों को ढ़ोने को अभिशप्त है।

    @radheyshyam5793@radheyshyam579310 ай бұрын
  • विश्व गुरु बन गए। इतना कह देने भर से हम विश्व गुरु बन जाते हैं क्या? धन्य हो ऐसे ही विश्व गुरु बनने की प्रथा की।

    @aftabalam-zp6ny@aftabalam-zp6ny11 ай бұрын
  • आप की पत्रकारिता निराली है। बधाई और शुभकामनाएं। 🎉🎉

    @dr.b.jagdishrao6042@dr.b.jagdishrao604211 ай бұрын
    • आदरणीय Dr.B.Jagdish Raoji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • Umee hai k ...islam k khamio ko bhi ujagar karenge ye Nirale patrakar.

      @sjdkxkc5490@sjdkxkc549011 ай бұрын
    • ​@@sjdkxkc5490मुगल काल में जी रहे है क्या साहब?

      @150_RsDega@150_RsDega10 ай бұрын
    • @@150_RsDega bassss... islam ka nam lete hi..jaag gyi secularism. Phir 3talaq, nikah halala, 5biwiyan.... sab maaf. Personal law board ne apni Jagir bana k rakh lia hai...islamiat ko. Lekin uski reporting karne k lie funding ni milti na NL ko comunist party se.

      @sjdkxkc5490@sjdkxkc549010 ай бұрын
  • आप जैसे ही पत्रकारों की वजह से ही अब सच्चाई दिखाई देती हैं। आपकी पत्रकारिता को जितना भी नमन करूं कम है।

    @divakarkumar2636@divakarkumar263611 ай бұрын
    • Ye newslaundry wala patrakar hai? Presstitute word inhi k liye ijaad hua tha.

      @Exiide89@Exiide8910 ай бұрын
    • @@Exiide89 और ये गोदी मीडिया का पत्रकार हैं। और इनके जैसे ही लोगो के मोदी जी बाप हैं।

      @divakarkumar2636@divakarkumar263610 ай бұрын
  • खबरों के इतने शिष्ट प्रस्तुतिकरण और उत्तम धाराप्रवाह वाचन ने मुझे अति आकर्षित किया है।

    @tejpalsinghtej3754@tejpalsinghtej37542 ай бұрын
  • जनता है सब जानती है उचित समय पर जवाब देगी

    @gulabSingh-oy8iq@gulabSingh-oy8iq10 ай бұрын
  • यहीं होगा जब बिना पढ़े लिखे और टीवी में काम करने वाले लोगो के हाथों में सत्ता दी जायेगी। जिन्हे बस डायलोग बोलने आते है जनता के सवालों का जवाब देना नही।

    @aashutoshkumar4852@aashutoshkumar485211 ай бұрын
  • साहित्यिक भाषा और सच्ची खबरों का बेजोड़ समागम । ❤

    @Quizzheads@Quizzheads11 ай бұрын
    • Aawaz bhi bahut soft aur soothing hai...❤❤❤❤

      @amitkumarmeraman5191@amitkumarmeraman519111 ай бұрын
    • Bahot hi shandar prastuti.Antaratma ko zakzor diya.Aap sada khush rahe.yehi ISHwAR se kamna.❤❤

      @naushadshaikh-sl7me@naushadshaikh-sl7me11 ай бұрын
    • आदरणीय🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • साहित्य का नlश होते नहीं दिख रहा किसी को, ऐसे *कॉमनिस्ट यूट्यूब चैनल* पe

      @sjdkxkc5490@sjdkxkc549011 ай бұрын
    • Apologies for not having the same group over Hindi, but I'd like to add another adjective, his sarcasm and deadpan delivery of harrowing incidents really outshines all others. Kripiya issi tarah banne rahiye team Newslaundry ❤

      @duality4453@duality445311 ай бұрын
  • Thanks

    @polparag@polparag9 ай бұрын
  • आप को समाचार के लिये धन्यवाद ।

    @MumtazAli-tw9ys@MumtazAli-tw9ys2 ай бұрын
  • *भारतवर्ष ने विश्व को विश्वगुरु देते-देते, विश्व को, विश्वदेशद्रोही दे दिया...❤*

    @ghanshyamins.2698@ghanshyamins.269811 ай бұрын
  • विश्वगुरु नहीं अफगानिस्तान बन रहा हैं यह देश 💀

    @SaSa-gd9qp@SaSa-gd9qp11 ай бұрын
    • 😂😂😂 Afghanistan ne World ki super power countries ko 2 bar buri tarah se defeat Kiya h (ussr and American Ally) aur india china ke samne apni gand jhuka rakha h aur China ghusata ja rahah h badle me thoda pesa party ko mil jata h Chinese companies se aur apne bharat mata ki ijjat lutuwa rhe hn bhagwa atanki 😂

      @TheScholor@TheScholor11 ай бұрын
    • 😂😂😂....To Time se Afgan Chaleja Yha Kya kr rha..

      @mrkeshav736@mrkeshav73611 ай бұрын
    • @@mrkeshav736 Abe bewakuf koi nahi chahta ki desh ki haalat battar ho. Sivay tum jeso ke. Op ne likha kya aur tune samjha kya? Dimag mein gobar hi bhara pada hain tumhare

      @PriyankaDas-gj5gs@PriyankaDas-gj5gs11 ай бұрын
    • @@mrkeshav736 Abey gober jane ki jaroorat nahi 😆😆😆 Akhand Bharat jab banega to automatic Afghanistan, India me shamil ho jayega ...isiliye kehte hn ki gay ke gober ke sath mullon ka moot bhi Piya Karo to aqal = kam karegi🤣😃🤣😃🤣

      @TheScholor@TheScholor11 ай бұрын
    • ​@@mrkeshav736 kyun jayega uska hi Desh hai woh nahi bolega to aur kon bolega?? Idhar chala ja udhar chala ja band karo aur sahi sawal pucho sarkar se....

      @basabaduttamishra7767@basabaduttamishra776711 ай бұрын
  • सवाल को टालने के लिए किस तरह मुद्दा बहकाया जाता है, इसमें पारंगत है मनु‘स्मृति’ । ऐसी महिला का अगर भगवान है तो अलग से हिसाब होगा।

    @ravijadhav777@ravijadhav77710 ай бұрын
  • आप जैसे सच्ची खबरे दिखाने वाले लोगो का धन्यवाद। आप लोगो के कारण आज भी सच्ची पत्रकारिता जिंदा है।

    @ravidharia3702@ravidharia37029 ай бұрын
  • देश इस कदर बरबाद ना हुआ होता यदि देश का मिडिया इस तरह गद्दार ना हुआ होता

    @raghunathtekriwal1322@raghunathtekriwal132211 ай бұрын
    • Kya kare bhaiyya andhbhakto ko news hi aise chahiye jo sarakar ki aalochna n karta ho aaj aalam ye hai ki bjp ke khilaf khabar n dikhane vale channale itne jyada ho gaye haiki andhbhakt confused ho gaye hai ki kise dekhe kise nahi

      @Gorgeous97493@Gorgeous9749311 ай бұрын
    • Dharm ki afim hindurast ramrajya ka sapna dikhakar aur Ramrajya ki suruaat ho chuki h yese manuwadi juge desh ke loktantra ke liye khtra h .

      @manishbauddha7494@manishbauddha749411 ай бұрын
    • First problem is funding of media houses by political parties. Ban of such funding will force them to be less biased towards funding parties.

      @maxpayne69.@maxpayne69.11 ай бұрын
    • Guru Nanak rejected and criticized Manusmriti, if u Hindus hate your God who created Manusmriti, the Divine Laws then go convert to Sikhism, i'm a proud Hindu and love my religious books

      @realharrysingh@realharrysingh11 ай бұрын
    • @arwind sawant 🤣🤣aur admiyo ki g***** maar ke rkh di, Aur aurto ko bhi pata nahi kaunsi izzat dila di., khoye raho inhi haseen sapno mein#andhbhakt

      @harsh90868@harsh9086811 ай бұрын
  • इतनी शालीनता इतना देसीपन जुबान में लबो लहज़े में ठेठ गांव का ज़मीनी जुड़ाव ऐसा लग रहा खबर नहीं आपकी जुबान चटकारे ले रही है काम के प्रति इतनी निष्ठा ईमानदारी गरीबी देश सत्य गरीबों का हक़ दिलाती पत्रकारिता 👏👏👏👃👃👃👃 धन्यवाद चौरसिया भाई

    @shoaibanes1367@shoaibanes136711 ай бұрын
  • सटीक तरपूर्ण विश्लेषण के लिए आपके हौशले को सलाम

    @CMNews6299@CMNews629910 ай бұрын
  • Thanks!

    @maninderjitsingh1992@maninderjitsingh199210 ай бұрын
  • मनुस्मृति लागू होने के बाद क्या हम जैसे लोग जीवित रहेंगे?

    @prince24irppl@prince24irppl11 ай бұрын
    • आदरणीय Prince2irppl🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • Lagu hone denge nhi

      @roshanrao888@roshanrao88810 ай бұрын
  • सडती पत्रकारिता के बीच आप आशा हो!

    @sameergaikwad2054@sameergaikwad205411 ай бұрын
    • @arwind sawant Not even one flaw? Do you hear yourself?

      @adnupattum@adnupattum11 ай бұрын
    • ​@arwind sawant I love sweet girls geeta, smriti, aarti, puja and tapassya is the most sexy.

      @ag135i@ag135i11 ай бұрын
    • ​@arwind sawantmanusmrit is a religious book ?? if u think so just letting u know i wouldn't even spit on that trash forget about following it as an hindu

      @baratthuj@baratthuj11 ай бұрын
    • @@arwindsawant8538 Draupadi ki najayez aulaad khulay mein Hagana bandh kar

      @bobogogo4611@bobogogo461111 ай бұрын
    • Sadti buddhi ke aap Qayal ho 👌

      @sbanj@sbanj11 ай бұрын
  • अभी तक तो प्रश्न पूछे जाने पर नेताओं और मंत्रियों का ही अपमान हो रहा था। अब तो प्रश्न पूछे जाने पर जनता का ही अपमान होने लगा।

    @aftabalam-zp6ny@aftabalam-zp6ny11 ай бұрын
  • निश्चित रूप से यह माना जा सकता है कि हम मूर्खों के देश में निवास कर रहे

    @rameshmanjhi@rameshmanjhi10 ай бұрын
    • *Duniya

      @touchstone1682@touchstone168210 ай бұрын
    • Nahi janaab. Aap kewal apna hi vishleshan kar rahe hain. Baaki log theek hain.

      @Exiide89@Exiide8910 ай бұрын
    • ​​​@@Exiide89.. Sahi kaha... Ye janaab murkh hi lagte hai. Baki ham sab to Gobar Gyani hai.

      @JohnNobody_@JohnNobody_10 ай бұрын
    • Pata nahi bechare par kya naubat aayi hogi jo verified sources pe rely karna aur desh ke muddo par dhyan dena padaa ho is murkh insaan ko. Kaash ye bhi hamaari tarah hindu muslim me lag jaaye. Bhai isko bhi gyaan do ki kaise Nehru aaj desh ka nuksaan kar raha hai, kaise congress se hame sawaal puchhne chahiye kyuki wo power me hai. Ye murkh log BJP ke pichhe pade hai... Unko koi bataaye ki mandir banaane me aur desh chalaane me fark hota hai, apne sawaal aur complaints ka nishana kahi aur lagaaye.

      @JohnNobody_@JohnNobody_10 ай бұрын
    • Jab desh ka mukhi ha to hamara desh vishwa garu zoor ban jayega

      @wondarblogartech1847@wondarblogartech18477 ай бұрын
  • शानदार धारदार और दिलचस्प प्रस्तुति। इसीलिए तो हम न्यूज़लोंड्री की ख़बर के कायल हैं। शुक्रिया चौरसिया जी ❤

    @dineshatri2417@dineshatri241711 ай бұрын
  • अति सुन्दर विश्लेषण धन्यवाद

    @sitaramsharma1028@sitaramsharma1028Ай бұрын
  • नमस्कार चौरसिया जी , आपको समाचार. के लिये धन्यवाद ।

    @MumtazAli-tw9ys@MumtazAli-tw9ys3 ай бұрын
  • कोई बात नही अमेठी वालो , फिर जब चुनाव आयेगा तो धर्म देखकर वोट दे देना

    @adityayadav5558@adityayadav555811 ай бұрын
    • Wo log usi k vote denge chahe koi garib atmhatya kre chahe kisi ki naukri jaye.

      @sadeqaghazal2571@sadeqaghazal257111 ай бұрын
    • 😂😂😂😂😂😂😂

      @HarishchandraGupta-uv7hj@HarishchandraGupta-uv7hj11 ай бұрын
    • ईरानी का pichwadaa भारी हो गया है

      @HarishchandraGupta-uv7hj@HarishchandraGupta-uv7hj11 ай бұрын
    • Sc st obc खुद ही बीजेपी को वोट देता है ।चुनाव के वक्त सब अचानक पलट जाता है।

      @technicalshiksharahulmardj7212@technicalshiksharahulmardj721211 ай бұрын
    • Hn bhai denge vote aur dharm bhi dekhenge school ki condition bhi roads bhi hospital bhi aur itna sab dekhne ke baad bhi BJP ko hi jitayenge ❤ Lots of love from AMETHI

      @suryodaysingh6210@suryodaysingh621011 ай бұрын
  • क्या यह वही अहसान फरामोश औरत है जिसने अपनी सहेली के अनगिनत अहसानों का बदला उस सहेली के पति को उसके माल सहित भगा कर और अपना पति बनाकर दिया था?

    @drsudhiragrawal@drsudhiragrawal11 ай бұрын
    • Yyyyyyyesss exactly is Aurt ne khud ke Mabap se bhi Esa hi kiya he Dagabazi

      @rashidarupani9519@rashidarupani951911 ай бұрын
    • @@rashidarupani9519 क्या मैं जान सकता हूं कि इस दुष्टा ने उन बेचारों से क्या दगाबाजी की है?

      @drsudhiragrawal@drsudhiragrawal11 ай бұрын
  • सर आप इतनी अच्छी पत्रकारिता करते हैं आपके सब्सक्राइबर दो चार करोड़ होने चाहिए लेकिन धिक्कार है ऐसी जनता पर जो फालतू के चैनलों को तो इतना मतलब पसंद करती है इसको डिस्को वाले लेकिन जनता को आप जैसा चैनल को बढ़ावा देना चाहिए जय हिंद जय भारत

    @gauravgautam692@gauravgautam6928 ай бұрын
  • कमाल का अंदाज और असली पत्रकारिता 👍👍👍👍

    @kayyumsayed8020@kayyumsayed802010 ай бұрын
  • itna shameless party nahi dekha ...😡😡

    @exxtraagyaanofficial10m36@exxtraagyaanofficial10m3611 ай бұрын
    • आगे आगे देखिए होता है क्या...

      @atheistnothing5039@atheistnothing503911 ай бұрын
    • shameless koi party nhi hoti puri manav jati he shameless h aap bhi mai bhi hu hum sb h

      @roasther7373@roasther737311 ай бұрын
    • Having sexual relationship in the promise of marriage should not be considered as rape. Women are not castles, they had sex by consent for what ever reasons it may be. Stupid Indian laws consider them as rape.

      @parusahu6961@parusahu696111 ай бұрын
    • But India's 40-50% people are supporting this shameless party,they are giving votes to this party

      @sharankumar4396@sharankumar439611 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • A crucial episode that shows how bad the rot has gotten in society. The brazenness of those seeking favours from this government is beyond words. It's a pity that the Supreme Court justices don't act against clearly deranged lower court judges. The rot in the last nine years has gotten so bad that I fear that even if Modi loses in 2024, it will take a long time and a lot of will to put things right. Congress should clarify that they will identify and crack down on all such elements and purge them determinedly.

    @Pserene47@Pserene4711 ай бұрын
    • Very true 👍

      @sabihasayed8389@sabihasayed838911 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • @@arwindsawant8538 gaye k

      @sarojlata8657@sarojlata865711 ай бұрын
    • Lol😂😂

      @_Bappu_@_Bappu_11 ай бұрын
    • Very true. But, now, i m scared of congress too

      @maryanne7161@maryanne716110 ай бұрын
  • What a journalism it is... How calmly in full hindi he is dictating.. loved itttt❣️❣️❣️❣️

    @fizakhan8252@fizakhan825211 ай бұрын
  • Very good and correct analysis .thanks chaurasia साहिब.

    @thakurdeenyadav2123@thakurdeenyadav212310 ай бұрын
  • Pehli baar dekha ye channel. Aapne bahot hi santulit aur sabhya bhasha me bade hi vyangatmak tarike se sach hum tak pahuchaya. 👍👍👍👍👍👍👍

    @logical_analyst@logical_analyst11 ай бұрын
  • अगर भारत को विश्व गुरु बनाना है तो आपका और आपके चैनल का होना बहुत जरूरी है

    @talwarrajasthan5744@talwarrajasthan574411 ай бұрын
    • आदरणीयTalwarrajasthanji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • @@avadhutjoshi796 आपके विचार श्रेष्ठ है मै आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जय भीम जय भारत

      @talwarrajasthan5744@talwarrajasthan574411 ай бұрын
    • @@talwarrajasthan5744 जय भारत जय संविधान. देशव्यापी चर्चा की बात लोगों के साथ साझा करना और समर्थन करना ऐसी आपसे प्रार्थना है. 🙏. अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • आप बहुत बहुत सुंदर शांत बोलते हो - काश विपक्षी दल को सद्बुधि आए और आपके प्रति अपना ऋण चुका पाए ।

    @gogirjikumar8305@gogirjikumar830510 ай бұрын
  • Very nice thank you

    @BalwinderSingh-rd2wg@BalwinderSingh-rd2wg8 ай бұрын
  • बीजेपी हटाओ देश बचाओ

    @dehhj@dehhj11 ай бұрын
    • यही तो हमारे देश में अंधभक्तों की पहचान है, (मनुस्मृति = 💩 ahhhhhhh thuuuu )

      @dehhj@dehhj11 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • Maodm ka rat mein jhagda hunga

      @nayeemuddin4504@nayeemuddin450410 ай бұрын
  • 'रेंटल मौलाना और राष्ट्रवादी आपा' बहुत बढ़िया अतुल जी।

    @WaseemKhan-ze8kx@WaseemKhan-ze8kx11 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • जागरूकता ही लोकतंत्र का जीवन है धन्यवाद युवा पीढ़ी शिक्षित है सोच समझ कर वोट करें आपके भविष्य का सवाल है। धन्यवाद

    @arvind.bohara2808@arvind.bohara28082 ай бұрын
  • Sachchi patrakarita ko koti koti Naman

    @Sannext_ff@Sannext_ff10 ай бұрын
  • Thats why Dr B.R. Ambedkar burned Manu-Smrthi

    @AKASH-fi5fg@AKASH-fi5fg11 ай бұрын
    • बहुजन नेता पता नहीं क्यों डरपोक बने हुए हैं। बाबा साहब द्वारा लिखी किताबें पाठ्यक्रम में शामिल होनी चाहिए, जिससे नई पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच विकसित हो सके।

      @realityground.4714@realityground.471411 ай бұрын
    • ​@@realityground.4714दंगा फसाद मैं नीच जाति वाले ही ज्यादा होते है ।। ब्राह्मण और बीजेपी वालों के सपोर्ट में ।।पैसे के लिए नीच जाति के लोग अपनी लुगाई ।।ब्राह्मण के घर टुकाई के लिए चोद देते है ।।

      @007mrbeen@007mrbeen11 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! Dr.Babasaheb and his theory of Hindu religion is the root cause of all disputes. Before that there was no contradiction about Hindu religion. Either we should adopt his theory or reject his theory after finding truth. I have a better idea for this. Pl support it. हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • @@avadhutjoshi796 राजाओं का इतिहास एक तरफा नहीं है, औरंगजेब इसलिए टारगेट पर है क्योंकि वो मुस्लिम था। राजस्थान के खेजडली शहीदों का इतिहास भी देखा जाना चाहिए जब पेड़ों को बचाने के लिए 400 से ज्यादा व्यक्तियों के सर काटे गए और मरने वाले कौन थे। जैसलमेर के रावल जालिम सिंह से तंग आकर पालीवाल ब्राह्मण क्यों जैसलमेर छोड़ने पर मजबूर हुए जिसके अवशेष कुलधारा के उजड़े गांव उसकी कहानी बताते हैं और भी राजाओं, सामंतों का उजला और कालिख इतिहास है, लेकिन वो सूट नहीं करेगा 😂🤭

      @realityground.4714@realityground.471411 ай бұрын
    • @@avadhutjoshi796 अंबेडकर ने अपनी मर्जी से कुछ नहीं लिखा, उन्होंने वही बताया जो पहले से लिखा था।

      @realityground.4714@realityground.471411 ай бұрын
  • राहुल गांधी ने जितने भी आरोप लगाए थे सब के सब सच साबित हो रहा है चौकीदार ही भागीदार है

    @jagatkamboj9975@jagatkamboj997511 ай бұрын
    • Chowkidar he "Chor" hai.

      @prahladagarwal3094@prahladagarwal309411 ай бұрын
    • आदरणीय Jagat Kambojji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • Pariwarwaad🥲

      @sjdkxkc5490@sjdkxkc549011 ай бұрын
    • @@avadhutjoshi796 दो रुपल्ली आईटीसेल गैंग वाट्स अप यूनिवर्सिटी का फर्जी ज्ञान मत पेल मेरे भाई 🙏🙏🙏

      @jagatkamboj9975@jagatkamboj997511 ай бұрын
    • ​@@jagatkamboj9975just bcz someone showing reality of your father orangeseb doesn't mean you'll be angry😂..

      @_Bappu_@_Bappu_11 ай бұрын
  • Thankyou , apko mera respectfully Namon hai. Bahut achcha pol khol diya.

    @anupbanerjee4673@anupbanerjee46732 ай бұрын
  • Great journalism... Congratulations to the Newslaundry....

    @mdnajibalam5202@mdnajibalam520210 ай бұрын
  • I m a huge fan of Tippadi. There’s nothing remotely like this any where in India or, I dare say, the entire world. From the choice of words to the storytelling style, everything is pure gold.

    @mazharfarooqui3826@mazharfarooqui382611 ай бұрын
  • You guys are like ray of hope in the darkness 🙏🏻. God bless you immensely

    @arsh9235@arsh923511 ай бұрын
  • आपकी पत्रकारिता की भाषा उच्च शिक्षा प्राप्तकर्ता संस्कार युक्त व्यक्ति है

    @rameshwarlalbari454@rameshwarlalbari454Ай бұрын
  • Great salute to you for your very good gernalism and reporting and analysis

    @sriramgautam8777@sriramgautam877710 ай бұрын
  • ये सरकार संवाद नहीं विवाद में विश्वास करती है 😬

    @sarlapurohit1216@sarlapurohit121611 ай бұрын
    • आदरणीय Sarlaji 🙏 ! Isake pahale bhi hamari bat ho gayi hai. aaj thodi alag bat bhi hai. हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • Very well researched presentation. Good job, Atul bro.

    @shivendragupta1882@shivendragupta188211 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • Salute तुम जैसे निर्भीक पत्रकार के लिए

    @user-pz5ck1zp4g@user-pz5ck1zp4gАй бұрын
  • शानदार बुलेटिन। शानदार एंकरिंग के लिए आपको बधाई भाई साहब

    @kulbhushangopal6225@kulbhushangopal622510 ай бұрын
  • Brilliant episode 👏 hope it reaches out to masses!

    @navneetkaur7709@navneetkaur770911 ай бұрын
    • आदरणीय Navneet Kaurji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • I really feel sad for the reporters whose faith is unreported.

    @jabercn@jabercn11 ай бұрын
  • शानदार प्रस्तुति।साधुवाद।

    @mahendrataragi7430@mahendrataragi743010 ай бұрын
  • Excellent efforts for explaining reality nicely 👍

    @prabhjeetkaur1080@prabhjeetkaur10808 ай бұрын
  • next level of journalism hat's off Guru🎉

    @relaxingview07@relaxingview0711 ай бұрын
  • बहुत सुंदर विश्लेषण करते हैं सर्! 💐💐 👌👌

    @saumitramohan1897@saumitramohan189711 ай бұрын
    • आदरणीय Saumitra Mohanji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • I am speechless!!!! Wah wah.... ur way of explaining is superb sir

    @varinderkaur7690@varinderkaur769011 ай бұрын
    • आदरणीय Varinder Kaurji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • Jabardast reporting

    @yadav21121@yadav2112110 ай бұрын
  • How great you God bless you

    @user-bs2bm3zx7g@user-bs2bm3zx7g2 ай бұрын
  • समझ नहीं आ रहा इस देश का क्या होगा? 😭😭

    @rk_pradeep_classes@rk_pradeep_classes11 ай бұрын
    • Kuch nahi hoga. Next elections me bhi Dharam ke naam pe criminals ko vote de denge.

      @srs9973@srs997310 ай бұрын
  • Chaursiya ji asking jai ho, ati mahaan karya hai aapka. Jai Bhim jai Bharat

    @baoddhnaagvanshi@baoddhnaagvanshi8 ай бұрын
  • अगर मनुस्मृति से ही काम करना है। तो पहले जो महिला संविधानिक अधिकार से सांसद में बैठी है उनको घर भेजना चाहिए।

    @sunitatayade8586@sunitatayade85869 ай бұрын
  • Salute to Atul chaurasiya sir. Spineless media owner can take action only by seeing the video also. No need for madam Irani to call

    @sidoptom@sidoptom11 ай бұрын
    • 😂😂😂😂

      @bharatbhusandas4599@bharatbhusandas459911 ай бұрын
  • Andhbhakt mukt Bharat 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

    @Deshbhakt-hx9du@Deshbhakt-hx9du11 ай бұрын
    • 😂😂😂😂😂

      @SHIVAM44445@SHIVAM4444511 ай бұрын
    • Shatparishat.100%.

      @m.parveznazimuddin9704@m.parveznazimuddin970411 ай бұрын
    • Yes.

      @mohankunkuvacheri@mohankunkuvacheri11 ай бұрын
    • Bilkul 👍

      @beautyofnature8512@beautyofnature851211 ай бұрын
    • aur sath m jihadi mukt bharat bhi

      @roasther7373@roasther737311 ай бұрын
  • Great program well Done

    @deorganiqueprofessionnelne543@deorganiqueprofessionnelne54310 ай бұрын
  • Thank you for the wonderful show.

    @pinkydavid7761@pinkydavid776110 ай бұрын
  • Superb reporting as always 👏🏻👏🏻👏🏻

    @atiyasheerin5569@atiyasheerin556911 ай бұрын
    • आदरणीय Atiyasheerinji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • हम गुलामी की तरफ जा रहे है।😓😨

    @playgame-od6rh@playgame-od6rh11 ай бұрын
    • Fir bhi bjp bhakt samjhte nahin hai. Lagbhag 60% log bjp bhakt hain😢

      @Sanatani_VirenSingh@Sanatani_VirenSingh11 ай бұрын
    • @@Sanatani_VirenSingh 😓😓

      @playgame-od6rh@playgame-od6rh11 ай бұрын
  • Thankyou Sir for the truth 🙏

    @babulkumar7818@babulkumar781811 ай бұрын
  • निश्छल देशभक्ति की पत्रकारिता की पराकाष्ठा है,,,अतुल chaurasiya भाई की,,,,महादेव blessing you n your thoughts,,,🎉

    @durgaparsad7427@durgaparsad74277 ай бұрын
  • सर आपकी पत्रकारिता और आप को दिल ❤ से प्रणाम करता हू

    @aadeshatheist7270@aadeshatheist727011 ай бұрын
  • Desh bachao save country save democracy

    @indian3677@indian367711 ай бұрын
  • Veri nice veri nice bahut acchi saheli mein aapane news bola iske liye bahut bahut dhanyvad

    @premchandram8565@premchandram8565Ай бұрын
  • This is so heartbreaking in a way. No wonder we are a nation of idiots!

    @anjalidastur7132@anjalidastur713211 ай бұрын
    • indeed we r

      @rakeshkrishnan1099@rakeshkrishnan109911 ай бұрын
    • Exactly..🤣😨

      @AdityaSingh-hs6tg9vu3u@AdityaSingh-hs6tg9vu3u11 ай бұрын
    • 100% no doubt

      @beautyofnature8512@beautyofnature851211 ай бұрын
    • Absoletly right. We should blame ourself for electing such fools . Lady in question is specimen.

      @frederickpicardo6784@frederickpicardo678411 ай бұрын
    • You should change language of your comment or you will abused by Online bjp itcell employees

      @notayan@notayan11 ай бұрын
  • सलाम करते है आपको 🎉

    @pyarmohammad4142@pyarmohammad414211 ай бұрын
  • आप का अंदाज सब से निराला है बहोत अच्छा है

    @user-ib7zn9ks5x@user-ib7zn9ks5x10 ай бұрын
  • Great ....Great...no words.

    @rasheedasultana5630@rasheedasultana56308 ай бұрын
  • अति उत्तम प्रस्तुति और व्यंग्य । बधाई और धन्यवाद।

    @BaldevSingh-ur9de@BaldevSingh-ur9de11 ай бұрын
    • आदरणीय 🙏 ! महोदय, कृपया व्यंग्य से खुश न हों। ये विषय गंभीर प्रकृति के होते हैं। मेरे पास इसका गंभीर उपाय है। कृपया इसका समर्थन करें। हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • शर्म आ रही है कि मैं भी उस देश का वासी हूँ जहाँ मनुस्मृति पढ़ी जाती है। 😢

    @uksrivastava895@uksrivastava89511 ай бұрын
    • आदरणीय🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
    • हां आपको US ने वीजा देने से मना किया होगा, नही तो आप NASA के scientest होते।

      @TheP-gb9pr@TheP-gb9pr11 ай бұрын
    • ​@@TheP-gb9prjaise Modi ko 12 saal tak US ne Visa nahi diya na

      @soumyas5576@soumyas557611 ай бұрын
    • ​@@TheP-gb9prBaki usne kabhi ye nhi bola ki wo US ka nagrik hai

      @soumyas5576@soumyas557611 ай бұрын
    • @@soumyas5576 मैने नही कहा की वो US ka निवासी है, संभवतः आप mislead ho gaye hai

      @TheP-gb9pr@TheP-gb9pr11 ай бұрын
  • Thanks...

    @OldMachinist@OldMachinist10 ай бұрын
  • RAVISH KUMAR... AAP JAISE PATRAKARO KI DESH KO BAHUT JARURAT HAI..🙏🙏🙏

    @ashokdewangan1235@ashokdewangan1235Ай бұрын
  • Thank you for giving us the truth

    @vijayalakshmi1948@vijayalakshmi194811 ай бұрын
    • आदरणीय Vijayalkshmiji 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी

      @avadhutjoshi796@avadhutjoshi79611 ай бұрын
  • Excellently done as always! Kudos for the hardwork behind such work. Big Salute!!

    @satishhanda1757@satishhanda175711 ай бұрын
  • Hats off for your journalism sir 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏

    @gwasikotisachin746@gwasikotisachin74611 ай бұрын
  • Excellent post. Keep it up.

    @srinivasvaranasi1645@srinivasvaranasi16458 ай бұрын
  • Bhiya this appishod for I humbly thanku

    @shubhamchaurasiya229@shubhamchaurasiya22911 ай бұрын
KZhead